डायरी के पन्ने Class 12 ऐन फ्रैंक की डायरी : अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न ane frank ki diary
डायरी के पन्ने Class 12
ऐन फ्रैंक की डायरी
अति महत्त्वपूर्ण प्रश्न
अतिलघू्तरात्पक प्रश्न-
प्रश्न 1. द्वितीय विश्व-युद्ध के समय किन परिवारों को किसके प्रभाव के कारण किस प्रकार की यातनाएँ सहनी पड़ी थीं ?
उत्तर-द्वितीय विश्व-युद्ध के समय हॉलैंड के यहूदी परिवारों को जर्मनी के प्रभाव के कारण अकल्पनीय यातनाएं सहनी पड़ी थीं ।
प्रश्न 2. जर्मनी का शासक कौन था? उसने किसके माध्यम से लाखों यहुदियों को मौत के घाट उतारा था?
उत्तर- जर्मनी का शासक हिटलर था। उसने गैस-चैंबर व फार्यरिंग स्क्वायड के माध्यम से लाखों यहुदियों को मौत के घाट उतारा था।
प्रश्न 3. ऐन फ्रैंक ने अपनी डायरी में क्या लिपिबद्ध किया है?
उत्तर- ऐन फ्रैंक ने द्वितीय महायुद्ध काल में गुप्त आवास में बिताए दो वर्षों का जीवन अपनी डायरी में लिपिबद्ध किया है।
प्रश्न 4. फ्रैंक परिवार में कुल कितने सदस्य थे और वे कौन थे?
उत्तर-फ्रैंक परिवार में कुल चार सदस्य थे जिसमें माता-पिता, तेरह वर्षीय ऐन, व उसकी बड़ी बहिन मार्गोट थी।
प्रश्न 5. वान दम्पति ने गुप्त आवास में कितने वर्ष बिताए थे? उस परिवार में कितने सदस्य थे?
उत्तर-वान दम्पति ने गुप्त आवास में दो वर्ष बिताए थे। उस परिवार में कुल तीन सदस्य थे। वान दम्पति के अलावा उनका सोलह वर्ष का बेटा पीटर था।
प्रश्न 6. ऐन फ्रैंक ने अपनी डायरी में किस काल की घटनाओं को लिपिबद्ध किया है?
उत्तर- ऐन फ्रैंक ने अपनी डायरी में 2 जून, 1942 से पहली अगस्त सन् 1944 तक की अमानवीय घटनाओं को लिपिबद्ध किया है।
प्रश्न 7. ऐन फ्रैंक ने अपनी चिट्टियों में किसको संबोधित किया है ?
उत्तर- ऐन फ्रैंक ने अपनी चिट्ठियों में किट्टी नामक उस गुड़िया को संबोधित किया है जो उसे अच्छे दिनों में जन्मदिन पर उपहार में मिली थी।
प्रश्न 8. ऐन फ्रैंक की लिपिबद्ध डायरी को किसने प्रकाशित कराया?
उत्तर-ऐन फ्रैंक की लिपिबद्ध डायरी को उसके पिता ओटो फ्रैंक ने उसकी मृत्यु के बाद 1947 में प्रकाशित कराया।
प्रश्न 9. मिस्टर वान दान कौन थे? उन्हें भूमिगत क्यों होना पडा?
उत्तर-मिस्टर वान दान यहुदी थे। वे ओटो फ्रैंक के व्यवसाय में साझीदार थे । जर्मनों के अत्याचारों के कारण उन्हें भूमिगत होना पड़ा था।
प्रश्न 10. ऐन को दरवाजे की घंटी क्यों नहीं सुनाई दी थी?
उत्तर-ऐन को दरवाजे की घंटी सुनाई नहीं दी, क्योंकि वह बाल्कनी में धूप में अलसाई सी बैठी पढ़ रही थी।
प्रश्न 11. मार्गोट के मना करने पर भी ऐन ने दरवाजा क्यों खोल दिया था?
उत्तर- मार्गोट के मना करने पर भी ऐन ने दरवाजा इसलिए खोल दिया था, क्योंकि उसने मिस्टर वानदान और हैलो को बाहर बात करते हुए देख लिया था।
प्रश्न 12. ए.एस. एस. से बुलाए जाने का नोटिस किसके लिए आया था?
उत्तर-ए.एस.एस. से बुलाए जाने का नोटिस ऐन के पापा के बजाय मार्गोट के लिए ही आया था जबकि मार्गोट ने गलत समझ लिया था ।
प्रश्न 13. मिएज अपने थैले में कौन- कौन सी चीजें लेकर आयी थी?
उत्तर-मिएज अपने साथ जूतों, ड्रेसों, जैकेटों, अंगृूलिए को तथा स्टाकिंग्स को थैले में डालकर लाया था।
प्रश्न 14. ऐन ने घर से बाहर जाते समय अपने शरीर पर ढेर सारे कपड़े क्यों पहने?
उत्तर-यहूदियों के लिए अटैची या अन्य सूटकेस लेकर बाहर निकलना खतरे से खाली नहीं था। अत: उसने तन पर कई-कई कपड़े पहन कर अपना सामान छिपाने के स्थान पर पहुँचाया।
प्रश्न 15. हिटलर के शासन में यहूदियों को क्या पहनने के लिए विवश किया गया था?
उत्तर-हिटलर के शासन में यहूदियों को अपनी पहचान के लिए 'पीला सितारा' पहनने के लिए विवश किया गया था।
प्रश्न 16. ऐन के परिवार वालों ने दो वर्ष कहाँ छिप कर गुजारे थे?
उत्तर-ऐन के परिवार वालों ने ऐन के पिता के आफ़िस के पीछे स्थित दुर्मंजिले मकान में छिपकर अपने दो वर्ष गुजारे थे।
प्रश्न 17. ऐन के पिता को अपना अज्ञातवास एक संप्ताह पहले क्यों शुरू करना पड़ गया था?
उत्तर-ऐन की 16 वर्षीय बहिन के लिए मागट हैतु ए.एस.एस. से बुलावा आ गया। इस अनियमित बुलावे के कारण पिता को अपना अज्ञातवास एक सप्ताह पहले शुरू करना पड़ गया था।
प्रश्न 18. अज्ञातवास के लिए जाते समय ऐन के घरवालों को किसकी देखभाल की चिन्ता थी?
उत्तर:- अज्ञातवास के लिए जाते समय एन के घरवालों को उनकी पालतू बिल्ली की चिन्ता थी। उसका नाम "मुतजै' था।
प्रश्न 19. गोल्डश्किटट कौन था?
उत्तर- गोल्डश्किडट तीस वर्ष का विधुर था जो ऐन के पिता के मकान में बने ऊपर वाले कमरे में किराए पर रहता था।
प्रश्न 20. ऐन के पिता ने अपनी बिल्ली के लिए क्या प्रबंध किया?
उत्तर-ऐन के पिता ने अपनी बिल्ली की देखभाल के लिए अपने पड़ोसी से बातचीत कर रखी थी । जाते समय इन्होंने अपने अपने किराएदार के लिए नोट छोड़ा कि वे उसे पड़ोसी तक पहुँचा दें।
प्रश्न 21. आफ़िस के हवादार और रोशनी वाले कमरे में कौन- कौन काम करते थे?
उत्तर-आफ़िस के हवादार और रोशनी वाले कमरे में बेप, मिएप और मिस्टर क्लीमैन दिन में काम करते थे|
प्रश्न 22. ऐन के परिवार को सूरज और चाँद के दर्शन क्यों नहीं हो पाते थे?
उत्तर-ऐन के परिवार को सूरज और चाँद के दर्शन इसलिए नहीं हो पाते थे क्योंकि उन्हें आपनी खिड़कियों को ब्लैक आउट वाले परदों से ढकना पड़ता था।
प्रश्न 23. मिस्टर डसेल और माँ की डॉट-फटकार सुनकर ऐन के मन में क्या प्रतिक्रिया होती थी?
उत्तर-मिस्टर डसेल और माँ की डॉट-फटकार सुनकर ऐन को कभी हँसी और कभी अचानक रोना आ जाता था।
प्रश्न 24. हिल्वर सम में किन लोगों के लिए राशन कार्ड जारी किए गए थे?
उत्तर-हिल्वर सम में ऐसे लोगों के लिए राशन कार्ड जारी किए गए थे, जो अज्ञातवास में रह रहे हों, उन्हें राशन खरीदने में सुविधा हो सके।
प्रश्न 25. अज्ञातवास में रह रहे सभी लोगों से रजिस्ट्रार ने क्या आग्रह किया?
उत्तर-अज्ञातवास में रह रहे सभी लोगों से रजिस्ट्रार ने आग्रह किया कि फलाँ दिन एक अलग मेज पर आकर वे अपने कार्ड ले जाएं।
प्रश्न 26. केबिनेट मंत्री मिस्टर बोल्के स्टोन ने लंदन से डच प्रसारण में क्या कहा था?
उत्तर-कैबिनेट मंत्री ने अपने डच प्रसारण में कहा था कि युद्ध के बाद युद्ध का वर्णन करने वाली डायरियों और
पत्रों का संग्रह किया जाएगा।
प्रश्न 27. 'डायरी के पन्ने' के आधार पर पीटर का स्वभाव कैसा था?
उत्तर-'डायरी के पन्ने' के आधार पर पीटर का स्वभाव सहनशील, शान्तिप्रिय और सहज आत्मीयता से पूरित था। उसके मन में ऐन के प्रति लगाव था।
प्रश्न 28. द्वितीय विश्व-युद्ध प्रारम्भ होने पर हिटलर की किन नीतियों के कारण यहूदियों पर अत्याचार होने लगे थे?
उत्तर-द्वितीय विश्व-युद्ध प्रारम्भ होने पर हिटलर की नस्लवादी नीतियों के कारण यहूदियों पर अत्याचार होने
लगे थे।
प्रश्न 29. हिटलर और सैनिकों की बातचीत के रेडियो प्रसारण में किस तरह की बातें सुनाई देती थीं?
उत्तर-हिटलर और सैनिकों की बातचीत के रेडियों प्रसारण में प्रायः युद्ध-क्षेत्र की घटनाओं और सैनिकों के घायल होने की बातें सुनाई देती थीं।
प्रश्न 30. द्वितीय विश्व-युद्ध के दौरान नीदरलैण्ड्स व जर्मनी का आम जीवन कैसा हो गया था?
उत्तर-द्वितीय विश्व-युद्ध के दौरान नीदरलैण्ड्स व जर्मनी का आम जीवन एकदम पूरी तरह से अव्यवस्थित हो गया था।
प्रश्न 31. 'युद्ध काल में मनुष्यों की नैतिकता समाप्त हो गयी थी।' इस कथन की ऐन फ्रैंक द्वारा दिए गये उदाहरणों के आधार पर लिखिए।
उत्तर-युद्ध काल में लूट-पाट करने, युवतियों के साथ दुर्व्यवहार होना यातना शिविरों में अमानवीय पीडा देने आदि से नैतिकता समाप्त हो गयी थी।
प्रश्न 32.'प्रकृति ही तो ऐसा वरदान है जिसका कोई सानी नहीं।' ऐन फ्रैक ने प्रकृति के संबंध में ऐसा क्यों कहा है?
उत्तर-ऐन फ्रैंक ने प्रकृति के संबंध में ऐसा इसलिए कहा है, क्योंकि प्रकृति वे नाना दृश्यों से हमारे मन को आनन्द और शान्ति मिलती है । इसे कोई भी प्राप्त कर सकता है ।
प्रश्न 33. ऐन फ्रैंक प्रकृति के संबंध में क्या सोचती थी?
उत्तर-ऐन फ्रैंक सोचती थी कि प्रकृति अपने सम्पूर्ण सौन्दर्य को बिना भेदभाव के सब में वितरित करती है और अमीर-गरीब सभी को आनन्दित करती है।
पढ़ रही थी।
प्रश्न 34. फ्रैंक परिवार के कितने सदस्यों को नाजियों की नस्लवादी आग में आहुति देनी पड़ी थी?
उत्तर-ऐन फ्रैंक, मागोट और माँ को नाजियों की नस्लवादी साम्प्रदायिक आग में अपनी आहुति देनी पड़ी थी।
प्रश्न 35. ऐन फ्रैंक की डायरी को 'एक भोक्ता' की दृष्टि से क्यों देखा जाता है ?
उत्तर- द्वितीय विश्व-युद्ध में यहूदी परिवारों ने जो भोगा उसका यथार्थ वर्णन होने से उस डायरी की 'एक भोक्ता'
की दृष्टि से देखा जाता है।
प्रश्न 36.'जीवन का सच्चा आनन्द' ऐन फ्रैंक किसमें मानती है?
उत्तर-ऐन फ्रैंक मानती है कि जीवन का सच्चा आनन्द स्वतंत्रता में है और स्वतंत्र रूप से प्रकृति-दर्शन में है।
प्रश्न 37. ऐन फ्रैंक के अनुसार प्रकृति हमें क्या देती है?
उत्तर-ऐन फ्रैंक के अनुसार प्रकृति हमें निरपेक्ष भाव से शान्ति और आनन्द देती है और विविध गुणों को अपनाने का संदेश देती है।
प्रश्न 38. पुरुषों ने औरतों पर किस आधार पर शासन किया है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-पुरुष घर में कमा कर लाता है और परिवार की जीविका चलाता है तथा जो चाहे कर सकता है। इन आधारों पर पुरुषों ने औरतों पर शासन किया है।
प्रश्न 39. ऐन फ्रैंक कैसे लोगों की भर्त्सना करती है? पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तर-ऐन फ्रैंक ऐसे लोगों की भर्त्सना करती है जो यह मानने को तैयार नहीं हैं कि समाज में खूबसूरत और सौन्दर्यंमयी औरतों का योगदान कितना महान और मुश्किल होता है।
प्रश्न 40. 'मेरा विश्वास है कि अगली सदी आने तक यह मान्यता बदल चुकी होगी।' ऐन फ्रैंक ने किस मान्यता के बदल जाने पर विश्वास व्यक्त किया है?
उत्तर-ऐन फ्रैंक ने विश्वास व्यक्त किया है कि अगली सदी तक औरतों का काम केवल बच्चा पैदा करना न रहेगा। वे अन्य कार्यों में भी सम्मान की हकदार होंगी।
प्रश्न 41. जिएज एंड कम्पनी ने अपने एक हजार गिल्डर के नोटों का निपटान किस प्रकार किया?
उत्तर-जिएज एंड कम्पनी ने आगामी वर्षों के संभावित कर के रूप में एक हजार गिल्डर के नोटों को सरकारी खजाने में जमा करा दिया।
प्रश्न 42. ऐन फ्रैंक के घर वाले उसके कौन-कौन से शौकों पर खुश नहीं थे?
उत्तर-ऐन फ्रैंक के फिल्मी कलाकारों और फिल्मों के बारे में जानना तथा नई-नई केश-सज्जा करना ऐसे शौक थे जिन्हें घर वाले पसंद नहीं करते थे।
निबन्धात्मक प्रश्न-
प्रश्न 1. फ्रैंक परिवार ने तत्काल गोपनीय स्थान पर जा छिपने का निर्णय क्यों लिया? 'डायरी के पत्ने' पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तर-द्वितीय विश्व- युद्ध के समय हिटलर जर्मनी का शासक था। उसकी नस्लवादी नीतियों के कारण यहूदियों पर अत्याचार होने लगे थे । उन्हें तरह -तरह के कष्ट , यातनाएँ सहनी पड़ती थीं। उसके साथ ढोर- डकारों जैसा अमानवीय व्यवहार किया जाता था। ऐन फ्रैंक का परिवार भी यहूदी था। एक दिन ऐन की बड़ी बहिन मार्गोंट को ए.एस.एस. से बुलावा आया था। उस समय मार्गोट सोलह वर्ष की नवयुवती थी। उसके बुलावा आने का आशय उत्पीडन ही था। परिवार इस बुलावे को कैसे सहन कर सकता था। इस बुलावे से भयभीत होकर, फ्रैंक परिवार ने तत्काल गोपनीय स्थान पर जाने का निर्णय लिया ताकि वे अपने आपको सुरक्षित रख सकें और क्रूर शासक के द्वारा किए जा रहे अन्याय और अत्याचारों से बच सकें।
प्रश्न 2. हिटलर के नस्लवाद के कारण यहुदियों के प्रति जन- भावना कैसी थी? 'डायरी के पन्ने' पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तर-जर्मन लोग यहूदियों से बहुत घृणा करते थे । वे यहूदियों को अनेक तरह से यातनाएँ देते थे। उनके शासन में यहूदियों को गाड़ी पर आना-जाना भी मना था। परन्तु कुछ सभ्य जन पीड़ित यहूदियों के प्रति करुणा भी रखते थे। वे उनकी लाचारी को देखकर भले ही कुछ न कर पाते थे किन्तु उनकी आँखों में यहुदियों के प्रति सहानुभति की भावना अवश्य होती थी। इसीलिए नागरिकों ने यहूदियों और भूमिगत रहने वाले लोगों की तरह - तरह से सहायता भी की थी।
हित्वर सम ने तो भूमिगत रहने वाले लोगों के लिए राशन कार्ड भी जारी किए थे जिसे उन्हें आसानी से राशन खरीदने में सुविधा हो सके। लेकिन हिटलर की खुफ़िया पुलिस ( गेस्टापो) ऐसे छिपे हुए लोगों को खोजकर यातना शिविरों में ले जाती थी। इस तरह उस समय यहूदियों के प्रति मिली-जुली जन भावना थी।
प्रश्न 3. अज्ञातवास के दौरान ऐन फ्रैंक और परिजनों का जीवन कैसा हो गया था?
उत्तर-अज्ञातवास के दौरान ऐन फ्रैंक व उसके परिजनों का जीवन एकदम नीरस हो गया था। वे लोग कहीं आ जा नहीं सकते थे। सब लोग डरे-डरे व सहमे रहते थे । वे घूम-फिर कर वही बातें दोहराते थे । खाना खाते समय उनके बीच जो बाते होती थीं। उनका विषय अच्छा खाना होता था या फिर राजनीति। इसके अतिरिक्त मम्मी या मिसेज़ वानदान अपने बचपन की उन कहानियों को लेकर बैठ जाती थी जो हम हजार बार सुन चुके थे। या फिर मिस्टर डसेल शुरू हो जाते थे। वे खूबसूरत रेस के घोड़े, उनकी चार्लोट का महँगा वॉर्ड रेल, लींक करती नावों, चार बरस की उम्र में तैर सकने वाले बच्चे, दर्द करती माँसपेशियाँ और डरे हुए मरीज आदि के संबंध में उनके किस्से हुआ करते थे। ये सारी बातें सबको रट चुकी थीं। कोई भी लतीफा नया नहीं होता था। किसी भी लतीफे को सुनने से पहले ही हमें उसकी पंचलाइन पता होती थी। नतीजन लतीफा सुनाने वाले को अकेले ही हँसना पड़ता था परिणामस्वरूप सभी का जीवन बोरियत वाला एक
कष्टमय बन गया था।
प्रश्न 4. "पापा का चेहरा पीला पड़ चुका था। वे नर्बस थे।" ऐन ने इसका क्या कारण बताया?
उत्तर-लेखिका ने बताया है कि उसके पिता एक स्थान पर घबराए हुए दृष्टिगत होते हैं । जिसके कारण उनके पापा का चेहरा पीला पड़ चुका था और वे नर्वस से प्रतीत हो रहे थे। इसका कारण यह था कि एक रात उनके घर के नीचे वाले गोदाम में चोरी और लूटमार की नियत से कुछ सेंधमार घुस आए थे। उन्होंने गोदाम के किवाड के फट्टे को तोड़ दिया था और लूटमार में लग गए थे। पिताजी, मिस्टर वानदान और पीटर लपक कर नीचे पहुंच गए। बिना सोचे-समझे मिस्टर वान-दान चिल्लाए, 'पुलिस' । पुलिस का नाम सुनते ही सेंधमार भाग गए। फट्टे को दोबारा उसी जगह पर लगाया गया
ताकि पुलिस को इस गैप का पता न चले। लेकिन अगले क्षण फिर सेंधमारों द्वारा फट्टा वापस गिरा दिया गया और वे लौटकर फिर से चोरी करने में जुट गए। इस सारे दृश्य की अनुभूति करके लेखिका के पिता को लगा कि उनके अज्ञातवास का पता चल गया है ।
प्रश्न 5. अज्ञातवास में रहते हुए ऐन को अपने सोलहवें जन्मदिन पर क्या उपहार मिले थे? बताइए।
उत्तर-अज्ञातवास में रहते हुए ऐन को सोलहवें जन्म दिन पर काफ़ी उपहार मिले थे। स्प्रेंगर की पाँच खंडों वाली कलात्मक इतिहास पुस्तक, चूड़ियों का एक सेट, दो बेल्ट, एक रूमाल, दरी के दो कटोरे, जैम की शीशी, शहद वाले दो छोटे बिस्किट, मम्मी-पापा की तरफ से वनस्पति विज्ञान की एक किताब मार्गोट की तरफ से सोने का एक ब्रेसलेट, वानदान परिवार की तरफ से स्टिकर एलबम, डसेल की तरफ से बायोमाल्ट और मीठे मटर, मिएप की तरफ से मिठाई, बेप की तरफ से मिठाई लिखने के लिए कॉपियाँ, कुगलर की तरफ से मारिया तेरेसा नाम की किताब तथा क्रीम से भरे चीज के तीन स्लाइस, पीटर की तरफ से पीओनी फूलों का खूबसूरत गुलदस्ता मिला था।
प्रश्न 6. हिटलर और सैनिकों की बातचीत के रेडियो प्रसारण से जर्मनी के सैनिकों के बारे में क्या अनुमान होता था?
उत्तर-हिटलर और सैनिकों की बातचीत के रेडियो प्रसारण में प्रायः युद्ध क्षेत्र की घटनाओं और सैनिकों के घायल होने के संबंध में ही उनकी बातें सुनाई देती थीं । दोनों के मध्य रेडियो प्रसारण में होने वाली बातें कुछ करुणाजनक थीं। हिटलर और सैनिकों के बीच सवालों-जवाबों का सिलसिला चलता था। हिटलर घायल सैनिक से उसका नाम, घायल के स्थान, घायल होने का कारण, घाव की स्थिति आदि के बारे में पूछता था। घायल सैनिक आपने घाव के बारे में आता था कि "दोनों पैर बरफ़ की वजह से गल गये है और बॉए बाजू की हड्डी टूट गयी है।' यह कहते हुए घायल सैनिक को गर्व की अनुभूति होती थी। भाव यह है कि "जितने घाव, उतना ज्यादा गर्व ।" इतना ही नहीं वे सब हिटलर से मिलने से उत्साहित भी थे । सैनिकों में युद्ध का प्रबल उन्माद था और वे अपनी वीर-गाथा को अपने घावों को दिखाते हए व्यक्त करते थे। उस प्रसारण को सुनकर ऐन को यही अनुमान होता था।
प्रश्न 7. द्वितीय विश्व-युद्ध के दौरान आम जीवन में किस तरह की अराजकता थी? "डायरी के पन्ने"पाठ के आधार पर बताइए।
उत्तर-द्वितीय विश्व- युद्ध के दौरान नीदरलैण्ड व जर्मनी का आम जीवन एकदम अव्यवस्थित हो गया था। युद्ध काल में होने वाली भयंकर गोलाबारी से इमारतें भी काँप उठती थीं। डर के मारे दरवाजे और खिड़कियाँ बन्द करके एक कोने में दुबकना पड़ता था। मृत्यु कब आ जाए इसकी आशंका हर समय सताती रहती थी। घर-घर में बीमारियों फैल रही थी।
प्रश्न 12. " ऐन फ्रैंक औरतों को भी सैनिकों के समान सम्मानित दर्जा दिए जाने के पक्ष में थी।" इस कथन
उत्तर-ऐन फ्रैंक की सोच थी क्रि औरतों को भी सैनिकों के समान सम्मानित दर्जा दिया जाना चाहिए। इस संबध की समीक्षा कीजिए।
में उन्होंने लखा है "कई देशों में तो उन्हें बराबरी का हक दिया जाने ल्लगा है। कई लोगों ने, कई औरतों ने, और कुछेक
पुरुषों ने भी इस बात को महसूस किया है कि इतने ल्लंबे अरसे तक इस तरह की वाहियात स्थिति को झेलते जाना गलत
था। इसी आधार पर ऐन का मानना था कि आमतौर पर यद्ध में लडने वाले सैनिकों को जितनी तकलीफि एवं यन्त्रणा
भोगनी पड़ती है, उससे कहीं अधिक तकलीफें औरतें वच्चे को जन्म देते समय झेलती हैं । बच्चा जनने के बाद औरत का
आकर्षण कम हो जाता है और कई वार पुरुष उस औरत एवं बच्चे को एक तरफ धकिया देता है। मानव जाति का विकास
करने वाली औरत का वैसा सम्मान नहीं किया जाता जैसा कि सैनिकों का सम्मान किया जाता है। स्त्रियों के साथ ऐसा
व्यवहार अनुचित है। सेनिकों के समान ही औरतों को सम्मान का दर्जा दिया जाना चाहिए।
प्रश्न 13. '"में इस विराट अन्याय के कारण जानना चाहती हूँ।'' ऐन प्रंक ने किसे विराट अन्याय माना है? स्पष्ट कीजिए।
उत्तर-नाजियों ने यहूदियों पर अनेक अत्याचार युद्ध के दौरान किए, जर्मन पुलिस ने यहूदियों की औरतों के साथ
दुराचार भी किया । इसी बात को ध्यान में रखकर ऐन पफरैंक के मस्तिक में एक प्रश्न उभरता रहा कि औरतों के साथ पुरुष-
वर्ग द्वारा अन्याय क्यों क्िया जाता है ? इस संबंध में उसने माना कि पुरुषों ने औरतों पर शासन किया है, क्योंकि वे पुरुषों
की तुलना में शारीरिक रूप से कम सक्षम हैं। पूरुष ही कमा कर लाता है, बच्चे पालता-पोसता है और जो उसके मन में आए वह औरतों के साथ वैसा ही व्यवहार करता है। स्थिति यहाँ तक बन जाती है, जब बच्चा जनने के बाद उसका शरीर अपना आकर्षण खो देता है, तो उसको एक ओर धकिया दिया जाता है, उसके बच्चे भी उसे छोड़ देते हैं। वह औरत ही तो है जो मानव जाति की निरंतरता को बनाए रखने में इतनी तकलीफ़ों से गुजरती है और संघर्ष करती है। जबकि पुरुष औरतों को बच्चा पैदा करने और भोगेच्छा पूरी करने वाली मानते हैं । पुरुषों का यह व्यवहार विराट अन्याय है।
प्रश्न 14."" शिक्षा, काम तथा प्रगति ने औरतों की आँखें खोली हैं।'" 'डायरी के पन्रे' पाठ के इस कथन की समीक्षा वर्तमान समाज की नारी को देखते हुए कीजिए।
अथवा
"शिक्षा, काम तथा प्रगति ने औरतों की आँखें खोली हैं। " ऐन पफैंक के इस कथन को वर्तमान परिप्रेक्ष्य के आधार पर तर्क सहिंत समझाइए।
उत्तर-'डायरी के पन्रे' में ऐन फ्रेंक द्वारा 1942 से 1944 के समाज में नारी की अत्यन्त दयनीय स्थिति को चित्रित किया गया है और आकांक्षा व्यक्त की गई है कि औरतों को भी सैनिकों के समान सम्मानित दर्जा दिया जाना चाहिए। यह सत्य है कि आधुनिक युग में शिक्षित नारी ने अपने कार्यों से समाज की प्रगति के नये प्रतिमानों को सुशोभित किया है । आज़ इक्कीसर्वीं सदी में कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां अनिक सामाजिक अवरोधों को तोड़कर नारी ने सफलता का नया अध्याय न रचा हो। उसने अपनी शिक्षा के बल पर पुरुष वर्ग के समान उन्नति ही नहीं की बल्कि आाज वह परुषों से कन्धों से कन्धा मिलाकर हर क्षेत्र में प्रगति कर आगे बढ़ रहों है। इस आधार पर सहज कहा जा सकता है कि आज की नारी ने प्रत्येक क्षेत्र में अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया है।
प्रश्न 15. "कई बार कोई रहस्यमयी ताकत हम दोनों को पीछे की तरफ़ खींचती है।"' ऐन फ्रैंक ने इस कथन से किस प्रसंग का उल्लेख किया है?
उत्तर-ऐन फ्रैंक ने इस कथन से पीटर के प्रति अपने प्रेम भाव के प्रसंग का उल्लेख किया है, क्योंकि ऐन हमउम्र पीटर को बहुत चाहती थी। पीटर स्वभाव से सहनशील, शान्तिप्रिय और सहज आत्मीयता रखने वाला नवयुवक था। उसके मन में भी ऐन के प्रति अत्यधिक लगाव था । एन बताती है कि वह उसके कमरे में एक-दो दिन के लिए न जा पाऊं तो मेरी बुरी हालत हो जाती थी अर्थात् मैं उसके लिए काफ़ी तड़पने लगती थी। इस तरह उन दोनों का स्नेह एक दोस्त की तरह निरन्तर बढ़ता जाता था। परन्तु साथ हों किसों अज्ञात ताकत के कारण से ऐन फ्रैंक पीटर से कुछ नफ़रत भी करती थी। इसी कारण वह उसकी कई बाते पसन्द नहीं करती थी और उससे निराश हो जाती थी।
Post a Comment